Friday 4 January 2019

Wife Domination - 4 (Final)

उस रात की चुदाई के बाद में पूरी रात सो नहीं पायी| हर वक़्त में अपनी गांड में कुछ महसूस कर रही थी की जैसे कोई मुझे अभी भी चोद रहा है| मैंने तो ये भी नहीं देखा की में तीन बार झड़ गयी बिना अपने लुंड को छुए| जब मैंने कमरे में जाकर अपने कपडे उतरे तब मेरा ध्यान मेरी पैंटी पर गया जो पूरी तरह से मेरे वीर्य से ख़राब हो चुकी थी| में चुदाई में इतनी मस्त थी की मेरा ध्यान अपने लुंड पर तो गया ही नहीं| ये सब सोचते - २ कब सुबह हो गयी मुझे पता ही नहीं चला| सुबह ७ बजे जब मेरे फ़ोन बजा तब में अपने खयालो से बहार आयी| मैंने फ़ोन उठाया तो दूसरी तरफ अनीता थी| अनीता ने मुझे ठीक १० बजे अपने घर पर बुलाया था और एक सेक्सी अच्छी से ड्रेस पहन कर आने को कहा|

में जल्दी से अपने बिस्तर से उठी और तैयार होना शुरू कर दिया| जल्दी से में नाहा कर आयी और अपने बालों को सूखने लगी जो की अब मेरी कमर तक आते थे| इन पुरे ६ महीनो में सब कुछ सीख चुकी थी| मैंने जल्दी से अपने तौलिया उतरा और पर्पल रंग की ब्रा और पैंटी निकली| उसको पहनने के बाद मैंने पर्पल रंग की ही एक सिंगल ड्रेस निकली जिसका गाला थोड़ा टाइट था और मेरे बूब्स को अच्छे से दे रहा था| फिर मैंने स्किन कलर की स्टॉकिंग्स पहनी और पर्पल कलर की लम्बी हील्स वाली सांडले पहन ली| अब मैंने अपना मेकअप करना शुरू किया| पहले मैंने फाउंडेशन बेस तैयार करके अपने चेहरे पर लगाया और उसके बाद उसको अच्छे से सेट करके बहुत ही गहरे रंग की पर्पल वाली लिपस्टिक लगायी| बड़े से इयररिंग्स पहने और हाथ में कंगन और ब्रेसलेट पहना| में चलने ही लगी थी की ध्यान आया मुझे नेल पोलिश भी चेंज करनी पड़ेगी ड्रेस के साथ| मुझे अनीता ने सख्त हिदायत दी थी ऊपर से लेकर नीचे तक मुझे पूरी तरह से मेकअप करना है| अगर कुछ भी रह  गया तो में तो गयी बस| अनीता मुझे अपनी छोटी से डंडी से गांड पर बहुत जोर से मारती थी| डंडी छोटी होने के बाद भी बड़े जोर से लगती थी| जब पिछली बार उसने मेरी गलती पर मुझे सजा दी थी तो में २ दिनों ढंग से बैठ भी नहीं पायी थी| छोड़ना ज्यादा आसान था पर उस डंडी से पीटना नहीं| मैंने जल्दी -२ नेल पोलिश लगायी, अपनी लिपस्टिक ठीक करी,काजल ठीक किया और अपना पर्स लेकर निकल गयी| मैंने टैक्सी की और १० बजे से पहले ही पहुंच गयी|

अनीता मेरा ही इंतज़ार कर रही थी| अनीता ने मुझे बैठने के लिए कहा और पुछा क्यों किरण कल मजा आया न| और मजा करना है, क्यूंकि जो मैंने तुम्हारे लिए सोचा है उसमे मज़ा ही मज़ा है| उसमे तुम्हारा तो फायदा है ही साथ मेरा भी है| मैंने नज़रे झुका कर हामी भरी तोअनीता ने मुझे बताना शुरू किया|

अनीता: देखो किरण तुम्हे तो पता ही मेरा कारोबार बहुत बड़ा और फैला हुआ है| कई बार मुझे अपने बिज़नेस के लिए अपने क्लाइंट्स को खुश भी रखना पढता है| कल तुम्हारी चुदाई देख कर मुझे अहसास हुआ की अगर में तुम्हे अपने क्लाइंट्स के सामने भेजू तो मुझे बहुत ज्यादा फायदा होगा| क्यूंकि तुम उन्हें एक मर्द और औरत दोनों के मजे दे सकती हो| तुम्हारे जैसी औरत मिलना मुश्किल है जो अपनी हर चुदाई में ऐसे चूड़े जैसी के वो उसकी पहली चुदाई हो| सीधे - २ कहु तो तुम आज से मेरी कंपनी की एस्कॉर्ट हो| जब भी मुझे तुम्हारी जरुरत होगी तुम्हे मेरे क्लाइंट्स के पास जाना होगा और वो सब कुछ करना होगा जो वो कहेंगे| तुम्हे ऑफिस आने की कोई जरुरत नहीं है| बाकी समय तुम रीता के साथ उसके घर पर रहोगी और एक  सभी काम करोगी| जब तुम्हारी जरुरत होगी में या रीता तुम्हे बता देंगे और तुम्हे बताई हुई जगह पर जाना होगा| हर क्लाइंट के पास जाने के लिए में तुम्हे ५० हजार रूपये दूंगी, लेकिन वो पैसे तुम्हारे बैंक में ही रहेंगे| तुम उन पैसो का तब तक इस्तेमाल नहीं कर सकती जब तक तुम रीता के साथ हो| तुम्हारी साड़ी जरूरते रीता पूरी करेगी|

तुम कल से ही रीता के घर शिफ्ट हो जाओ बाकी में तुम्हे बुला लुंगी जब जरुरत होगी|

में अगले ही दिन रीता के घर शिफ्ट हो गयी और फिर हर दूसरे तीसरे दिन मुझे अनीता की बताई जगह पर जाना होता| कभी कोई मर्द मुझे चोदता तो कभी कोई औरत| एक तरह से में रोज़ ही चुदती थी क्यूंकि रीता भी कुछ काम नहीं थी| कभी -२ तो रीता ही मुझे दिन में तो दिन बार चोद लेती थी| फीमेल होर्मोनेस की वजह से अब मेरे बाल काफी लम्बे और घने हो चुके थे, बूब्स भी काफी बड़े हो गए थे| जब भी में बहार निकलती हर आँख मेरी तरफ ही होती| कई बार मुझे ये अहसास होता की लड़को ने मुझे आँखों - २ में ही चोद दिया| पुरे दो साल तक में रीता के साथी रही और शायद ही कोई ऐसा दिन गया हो जब मेरी चुदाई न हुई हो| दो साल के बाद रीता मुझ से बोर सी हो गयी और उसने मुझे छोड़ दिया| वायदे के मुताबिक अनीता ने मुझे मेरे कमाए हुए सारे पैसे दे दिए| मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था, मुझे पुरे एक करोड़ रूपये मिले थे| मैंने उन पैसो से अपने लिए एक अच्छा सा घर ख़रीदा और वही रहने लगी| लेकिन मैंने अनीता का साथ नहीं छोड़ा| अब भी जब भी अनीता का फ़ोन आता में उसके बताये हुए पते पर चली जाती और वो मुझे उसके पैसा दे देती|

अब यही मेरी ज़िन्दगी थी और मुझे कोई शिकायत भी नहीं थी|